कि फिर चाहकर भी उन्हें अपने करीब ना ला पाऊं।" नंदिनी के चेहरे पर संतुष्टि थी। कि फिर चाहकर भी उन्हें अपने करीब ना ला पाऊं।" नंदिनी के चेहरे पर संतुष्टि थी।
...हम दोनों संत रविदास पार्क में दुनिया से नज़र बचा कर एक झाड़ी के पीछे बैठे थे. हमेशा यु ही होता रह... ...हम दोनों संत रविदास पार्क में दुनिया से नज़र बचा कर एक झाड़ी के पीछे बैठे थे....
भोलापन मासूमियत निश्चल प्रेम एक "सम्मोहन" सा होता है बच्चों में बचपन में। भोलापन मासूमियत निश्चल प्रेम एक "सम्मोहन" सा होता है बच्चों में बचपन में।
मैंने आज से पहले कभी बोलने वाली कुतिया नहीं देखी।" विकास खुशी से चहकने लगा। मैंने आज से पहले कभी बोलने वाली कुतिया नहीं देखी।" विकास खुशी से चहकने लगा।
गधा जम्हाई लेते हुए पार्क पहुँच गया। वहाँ जाते हीं उसकी नींद हवा हो गई। वहाँ बड़े बड़े नमूने पहुंचे ... गधा जम्हाई लेते हुए पार्क पहुँच गया। वहाँ जाते हीं उसकी नींद हवा हो गई। वहाँ बड़...
तुम्हरी ये दूरियाँ रास न आती है मुझको इसलिए आज फिर उन रास्तों पर निकला हूँ जिन रास्तों पर हम पहली बा... तुम्हरी ये दूरियाँ रास न आती है मुझको इसलिए आज फिर उन रास्तों पर निकला हूँ जिन र...